सोमवार, नवंबर 1

Teri jeet, meri haar

करने दो मुझे मेरा काम ,
रखने दो मुझे मेरा ध्यान.


जब मेरे कर्म से मुझे ही हँसना या 
रोना है.
तो तुझे क्यों चिंता हुई?

अगर किसी मोड़ पर कोई दो  राह  होंगी,
तो तू न बताना ,
मुझे कौनसी चुननी ह?


तुझे प्यार है  तेरी मंजिल से 
तो मुझे  है मेरे अनुभव से ,


मैं ये नहीं कहती 
मैं  सही  ही  चुनुंगी,
परन्तु मेरा कहना है ,
मुझमे हिम्मत है अभी,
हार का सामना करने की ,
और  नापने की हर एक  गहराई  को 


तू ना दे सलाह,
क्यूंकि ,
हैं सोच अलग तेरी मेरी ,
हैं परिभाषाएं अलग सफलता की ,
तो  कैसे मनु तेरी बात?
अगर किया तुझ पर विश्वास,
और जीत गई मैं  जग का विश्वास,
फिर भी अंत में हो जाएगी मेरी हार,
फर्क ह परिभाषा और शब्द कोष का 




तो बस कहना ह आज 
तो ना कहना आज से ,
कि तू जीता या मैं हारी?
जो तेरी हार वो मेरी जीत
जो तेरी जीत वो मेरी हार..

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