Teri jeet, meri haar
करने दो मुझे मेरा काम ,
रखने दो मुझे मेरा ध्यान.
जब मेरे कर्म से मुझे ही हँसना या
रोना है.
तो तुझे क्यों चिंता हुई?
अगर किसी मोड़ पर कोई दो राह होंगी,
तो तू न बताना ,
मुझे कौनसी चुननी ह?
तुझे प्यार है तेरी मंजिल से
तो मुझे है मेरे अनुभव से ,
मैं ये नहीं कहती
मैं सही ही चुनुंगी,
परन्तु मेरा कहना है ,
मुझमे हिम्मत है अभी,
हार का सामना करने की ,
और नापने की हर एक गहराई को
तू ना दे सलाह,
क्यूंकि ,
हैं सोच अलग तेरी मेरी ,
हैं परिभाषाएं अलग सफलता की ,
तो कैसे मनु तेरी बात?
अगर किया तुझ पर विश्वास,
और जीत गई मैं जग का विश्वास,
फिर भी अंत में हो जाएगी मेरी हार,
फर्क ह परिभाषा और शब्द कोष का
तो बस कहना ह आज
तो ना कहना आज से ,
कि तू जीता या मैं हारी?
जो तेरी हार वो मेरी जीत
जो तेरी जीत वो मेरी हार..
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