याद करने का वक्त कहाँ से लाते हो?
तुम कहते हो, मुझे याद तो करते हो पर वक्त नहीं मिलता...
बात करने का वक्त नहीं तो याद करने का कहाँ से लाते हो?
मेरी यादो पर तो कम से कम मेरा हक है,
वो कब आती जाती हैं, ये मुझे क्यों नहीं बताते हो?
अब इसे भी हिसाब का नाम न देना,
वरना लोग कहेंगे, कैसा प्रेम जताते हो?
हाँ, जानती हूँ, लोगो की परवाह नही तुमको,
किन्तु फिर मेरी बातो से क्यों तिलमिलाते हो?
गिनाती नहीं हूँ कि मैं ज्यादा चाहती हूँ और तुम कम,
क्यों, मेरी इच्छाओ को बेमतलब का कह जाते हो?
क्या सोचते हो, मुझे परवाह नहीं तुम्हारी तरक्की की?
ऐसा नहीं है तो क्यों हरदम,
तुम समझती नहीं का पाठ सुनाते हो?
मैं भी वही कहती हूँ, जो मुमकिन हो..
तुम ही दुनिया के सबसे व्यस्त इंसान हो,
क्यों हर बात पर यही जताते हो?
कहते हो दुनिया से, मैं जन्म-जन्मांतर का साथी हूँ इसका,
क्यों मेरी नींद को बस एक "मैसेज" के भरोसे छोड जाते हो?
तुम कहते हो, मुझे याद करते हो पर वक्त नहीं मिलता...
बात करने का वक्त नहीं तो याद करने का कहाँ से लाते हो?
© गुंज झाझारिया
बात करने का वक्त नहीं तो याद करने का कहाँ से लाते हो?
मेरी यादो पर तो कम से कम मेरा हक है,
वो कब आती जाती हैं, ये मुझे क्यों नहीं बताते हो?
अब इसे भी हिसाब का नाम न देना,
वरना लोग कहेंगे, कैसा प्रेम जताते हो?
हाँ, जानती हूँ, लोगो की परवाह नही तुमको,
किन्तु फिर मेरी बातो से क्यों तिलमिलाते हो?
गिनाती नहीं हूँ कि मैं ज्यादा चाहती हूँ और तुम कम,
क्यों, मेरी इच्छाओ को बेमतलब का कह जाते हो?
क्या सोचते हो, मुझे परवाह नहीं तुम्हारी तरक्की की?
ऐसा नहीं है तो क्यों हरदम,
तुम समझती नहीं का पाठ सुनाते हो?
मैं भी वही कहती हूँ, जो मुमकिन हो..
तुम ही दुनिया के सबसे व्यस्त इंसान हो,
क्यों हर बात पर यही जताते हो?
कहते हो दुनिया से, मैं जन्म-जन्मांतर का साथी हूँ इसका,
क्यों मेरी नींद को बस एक "मैसेज" के भरोसे छोड जाते हो?
तुम कहते हो, मुझे याद करते हो पर वक्त नहीं मिलता...
बात करने का वक्त नहीं तो याद करने का कहाँ से लाते हो?
© गुंज झाझारिया
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2 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर .....
आभार...
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