सोमवार, दिसंबर 26

थोड़ी सी मिश्री में, हल्का सा तेज़ाब डाल...! :)

डाल डाल 
तू डाल डाल...
आ देखें जरा होता है क्या?  
थोड़ी सी मिश्री में, 
हल्का सा  तेज़ाब डाल...
जिंदगी में रंगों की बौछार डाल.. 

हरा डाल, पीला डाल..
बेहिसाब डाल... 
थोड़े से सावन में 
तू छोटी सी पतवार डाल....

चुटकी भर पानी में 
थोडा सा स्वाद डाल...
माटी के बर्तन में 
थोडा सा विश्वास डाल...
डाल डाल 
बस बेहिसाब डाल...

हर मंदिर-मस्जिद के आगे,
दिल की एक दीवार डाल....
उमंगो से उड़ते पंछी के आगे,
धैर्य का एक जाल डाल...

डाल डाल
तू डाल डाल...
आ देखें जरा होता है क्या?
थोड़ी सी मिश्री में,
हल्का सा तेज़ाब डाल...

डाल तू हर एक फसल में,
वफ़ादारी का थोडा सा दाना डाल....
धरती पर भरमार हो गई लाल की,
अब थोडा
आसमां को लाल रंग डाल...!!!

थोड़ी सी नफरत में ,
एक बूँद प्यार डाल...
चुटकी भर बगिया में
महकते फूलों का
संसार डाल.....

अंगुल भरे आंसुओ में,
मुस्कान की धार डाल....
नन्हे नन्हे हाथो में
रंग बिरंगी तितली डाल..
नटखट से
मन के आगे प्रेम का भंडार डाल,

एक किरण रौशनी में अँधेरे साहस का तड़का डाल...
दूब की एक पत्ती में सौंदर्य को उबाल डाल...
गिरती बर्फ में भाप की फुहार डाल...


डाल डाल
तू डाल डाल...
आ देखें जरा होता है क्या?
थोड़ी सी मिश्री में,
हल्का सा तेज़ाब डाल...

गूंज झाझारिया 

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6 टिप्पणियाँ:

यहां सोमवार, दिसंबर 26, 2011, Blogger nayee dunia ने कहा…

डाल डाल
तू डाल डाल...
आ देखें जरा होता है क्या?
थोड़ी सी मिश्री में,
हल्का सा तेज़ाब डाल...बहुत सुंदर गुंझ

 
यहां सोमवार, दिसंबर 26, 2011, Blogger Barthwal ने कहा…

सुख और दुख का मिश्रण है जिंदगी ...... सुंदर सोच और संदेश गुंजन

 
यहां मंगलवार, दिसंबर 27, 2011, Blogger गुंज झाझारिया ने कहा…

dhanywaad aap dono ka...

 
यहां मंगलवार, दिसंबर 27, 2011, Blogger S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

थोड़ी सी नफरत में ,
एक बूँद प्यार डाल...
चुटकी भर बगिया में
महकते फूलों का
संसार डाल.....

वाह! सार्थक रचना....
सादर बधाई...

 
यहां मंगलवार, दिसंबर 27, 2011, Blogger डॉ. दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-741:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

 
यहां मंगलवार, दिसंबर 27, 2011, Blogger ***Punam*** ने कहा…

amazzing...

 

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