सोमवार, अगस्त 22

अबके जब तू आएगा!


कान्हा ,
अबके कजरारी रात में जब तू आएगा!
64 बरस पुराना तम,
तब तू न देख पायेगा!
मोमबतियां, मशाले जलेंगी,
हर गली-नुक्कड़ पर !
हर और उजियारा छा जायेगा!

कलयुग में इंसानियत का नाम 
मिट जायेगा,
तेरे कथन को झुठलाकर
जन जब एक स्वर में
आवाज उठाएगा,
तब तू भी चकित रह जायेगा!
कान्हा,

अबके कजरारी रात में जब तू आएगा!

तेरी जन्मभूमि के लिए
जब इंसान को भूखा सोता देखेगा,
तब तू भी अश्रु बहायेगा!
तेरे माटी के खिलोनो को
हे दयावान!
तू स्वयं सराहेगा!
कान्हा,
अबके कजरारी रात में जब तू आएगा!

तैयारी हो गई तुझे बुलाने की,
माँ भारती को,
फिर से पवित्र बनाने की,
तू जब
छली, कपटी लोगो पर
अपना चक्र चलाएगा,
कचरा बीनती तेरी गय्या माँ
को तब चारा मिलने लग जायेगा!
एक बार फिर सारा
भारत कान्हा-कान्हा
हो जायेगा!
कान्हा,
अबके कजरारी रात में जब तू आएगा!

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3 टिप्पणियाँ:

यहां सोमवार, अगस्त 22, 2011, Blogger Barthwal ने कहा…

सुंदर ....
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आप एवं परिवार तथा सभी मित्रो को बधाई एवं शुभकामनायें

 
यहां सोमवार, अगस्त 22, 2011, Blogger गुंज झाझारिया ने कहा…

धन्यवाद आपका...आपको और आपके परिवार को भी बधाई सर!

 
यहां सोमवार, अगस्त 22, 2011, Blogger Er. सत्यम शिवम ने कहा…

bhut hi bhaktimay rachna..happy janmashtmi:)

 

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