रविवार, मार्च 23

हाय रे बचपन

मेरा आसमान था,
पुराने कपड़ो की कतरने,
जर लगे झुमके,
फीके रंग वाली चूड़ियाँ,
मोच लगा बर्तन,
सस्ती सी गुड़िया,
20 पैसे का सिक्का,
मिट्टी की गुल्लक
टिफिन भाई का जूठा,
और??

और क्या,
मेरा उड़ना,
उस आसमान में।
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हाय रे बचपन। :)
© गुंजन झाझारिया

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