भक्सु
कटार सी काट दें चाहे तेरी जबान.
या चले कोई चाल तू महान.
प्यास गहरी है यहाँ,
लगन प्रहरी है यहाँ,
निश्चय दोपहरी है यहाँ,
विश्वास लहरी है
यहाँ,
जीत सुनहरी है यहाँ,
वक़्त की तेज़ धार आये ,
भूखे शेर का सामना हो जाये
दात पैने है उसके,
तो मैं भक्सु हू.
भक्सु हू मैं
जीत की ,
भक्सु हू मैं
तेरी हार की
भक्सु हू मैं
हर अट्हास की
भक्सु हू मैं,
प्रहार की,
रोकने से पहले मेरे कदम
उठाने से पहले
ऊँगली अपनी,
जताने से पहले
जीत तेरी,
कर कान साफ़ अपने,
खोल ले बुधि के पोर
बिठा बात ये अच्छे से
भक्सु हू मैं
मैं भक्सु हू.
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