शुक्रवार, अप्रैल 22

ठोकरे तो मैंने भी मारी है राह पड़े कंकडो को,
कोई पत्थर उसमे भी कीमती रहा होगा.

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2 टिप्पणियाँ:

यहां मंगलवार, मई 10, 2011, Blogger SAJAN.AAWARA ने कहा…

GJAB KE VICHAR HAIN . . . , JAI HIND JAI BHARAT

 
यहां मंगलवार, जून 14, 2011, Blogger गुंज झाझारिया ने कहा…

dhanywaad..

 

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