रविवार, नवंबर 20

किनारे आ गयी 
समंदर की प्यारी लहरे ..
अब रेत कुरेदना ना गलती उनकी..
ढूंढ़ रही हैं अपने बोये सीप, और मोती!
अनजान सी दुनिया उनके लिए है>>>
हर एक आवाज "गुंजन" उन 
बातो का फ़साना कहती है!!!

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4 टिप्पणियाँ:

यहां सोमवार, नवंबर 21, 2011, Blogger  डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

मन के सुंदर भाव....

 
यहां मंगलवार, नवंबर 22, 2011, Blogger Sumit Pratap Singh ने कहा…

आपने बुलाया और लो हम चले आये...
यूं ही लिखते रहिये...

 
यहां मंगलवार, नवंबर 22, 2011, Blogger गुंज झाझारिया ने कहा…

धन्यवाद मोनिका जी

 
यहां मंगलवार, नवंबर 22, 2011, Blogger गुंज झाझारिया ने कहा…

सुमित जी आभार आपका.
आप यूँ ही आते रहिये!
और पढ़ते रहिये, हम लिखते रहेंगे!

 

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