किनारे आ गयी
समंदर की प्यारी लहरे ..
अब रेत कुरेदना ना गलती उनकी..
ढूंढ़ रही हैं अपने बोये सीप, और मोती!
अनजान सी दुनिया उनके लिए है>>>
हर एक आवाज "गुंजन" उन
बातो का फ़साना कहती है!!!
समंदर की प्यारी लहरे ..
अब रेत कुरेदना ना गलती उनकी..
ढूंढ़ रही हैं अपने बोये सीप, और मोती!
अनजान सी दुनिया उनके लिए है>>>
हर एक आवाज "गुंजन" उन
बातो का फ़साना कहती है!!!
लेबल: दुनिया के रंग
4 टिप्पणियाँ:
मन के सुंदर भाव....
आपने बुलाया और लो हम चले आये...
यूं ही लिखते रहिये...
धन्यवाद मोनिका जी
सुमित जी आभार आपका.
आप यूँ ही आते रहिये!
और पढ़ते रहिये, हम लिखते रहेंगे!
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