वो और होंगे
चुटकियों में बातें उड़ाने वाले कोई और होंगे..
हमें तो बवंडर में भी बाते उड़ाना नहीं आता...
झूठ बोलकर कसम खाने वाले कोई और होंगे..
हमें तो सच बोलकर कसम खाना गंवारा नहीं लगता..
दूसरों की नाकामयाबी पर हसने वाले कोई और होंगे,
हमें तो खुद की कामयाबी पर हँसना नहीं आता..
वो और होंगे,
जो जलते हैं भुट्टे की तरह रात दिन..
हमें तो भुट्टों को जलाना भी नहीं आता...:))
copyright गुंजन झाझारिया "गुंज"
लेबल: दुनिया के रंग
2 टिप्पणियाँ:
संवेदनाओं से भरी बहुत सुन्दर रचना...
धन्यवाद संजय जी...
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