शुक्रवार, अगस्त 24





दिल को ऊँचाइयाँ बहुत भाती हैं..
हम हैं कि उसे गुलाम बनाये फिरते हैं....!
ना उड़ने देते. ना झूमने देते ..
उसे किसी और के लिए पैगाम बनाए फिरते हैं..!!



                                                            copyright-गुंजन झाझारिया "गुंज"

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